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आँखों को जो पहली बार में पसंद आए बस वो नही
है पसंददिदा मर्द।
जिसके साथ बैठने से मन शांत हो जाए
जो आपके लिए जमाने से लड़ जाए
जो आपकी असुरक्षा समझे, नाकी उन्हें बढ़ाए
जो बस कहे नहीं, पर प्यार जताके दिखाये।

युही कोई औरत किसी मर्द को पसंद नहीं करती
युही वो उसे अपने जीवन में सबसे ऊंचा दर्ज़ा नहीं देदेती
उसकी सूची में सबसे ऊपर आने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी आपको ।
उसके गुस्से को प्यार से और हर भावनाओं को शांति से समझना पड़ेगा आपको।

समझना होगा कि जब वो आपसे शेयर करती है तो सही गलत जानने के लिए नहीं करती।
बस बिना झिझक के अपनी बातें आपके सामने रखने के लिए करती हैं।
हमने कब कहा कि महिलाओं को समझना आसान होता है।
आख़िर क्या चाहिए औरत को ये समझने के लिए मर्द की जिंदगी बीत जाती है।
पर ये छोटी सी बात उनको समझ नही आती है।
कि संभालो उसको हर दुख में, उसकी खुशी में उससे
ज्यादा खुश होके बताओ, उसकी बातें सुनो, उसे अपने हाथ से खाना खिलाओ। घर लौटते वक़्त एक गुलाब ही ले आओ। उसके साथ मंदिर ही चले जाओ।

वो हर छोटी चीज़ में अपनी ख़ुशियाँ ढूंढती है। और हर उस ख़ुशी में अपने पसंदीदा मर्द को खोजती है ।
जो कर पाओ तुम ये सारी चीज़ें, तो औरत तुम्हारा सबसे बड़ा सहारा बन जाती है
युही नहीं वो किसिको पसंदिदा मर्द बनाति है…

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