इश्क के रंग हैं कई हजारकहीं है मिलन , कहीं बिछड़नकहीं है रस्में , कहीं इंतजारकभी कोई है बेबस ,कभी कोई लाचारकहीं मिलता है धोखा ,कोई कर देता पीठ पर वारजो कभी नहीं है बदलता ,वो है सिर्फ मां – बाबा का प्यार..! 0 0
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