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दो शब्द बोलने से हम शांत हो जाते है तोह
बोल दो
अगर इन दो शब्द से हमारी ज़िन्दगी आराम देह है तोह
बोल दो
अठकाओ मत मन को की बोह नहीं तोह
मै क्यों बस थोड़ा सा समय लो
शब्द को तोल कर बोलो अच्छा लगेगा तोह
बोल दो
सब यूँही रुक जाते है बाद मे रुकते है जब समय नहीं होता तोह रुकना क्यों बस
बोल दो
की जब बातें बोली जाती है तोह दोस्ती, रिश्ते, प्यार सब बढ़ता है
कम नहीं होता बस
बोल दो
समझो पहले खुद फिर सामने
से सामने से समझाओ
बोहोत अच्छा लगेगा तोह
बोल दो
थोड़ा सा खुदथोड़ा सा उससे धीरे ही सही पर समझकर प्यार से उससे
बोल दो
उसका क्या आपका मन भी शांत असमंजस में नहीं रहेगा तोह
बोल दो
यही लगता ह सब को की बोलने नहीं देते बस बोलते रहते है तोह उसको सामने से पूछो सुनो फिर समय लो औ
बोल दो
बिलकुल सही हो जायेगा सच मे सब तोह
बोल दो
राहे साफ हो जाएगी सब पहले जैसी तोह
बोल दो
बोल दो
बोल दो

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